भीमा कोरेगांव और एल्गार परिषद अर्बन नक्सली हिंसा मामले में आरोपी लेखक और प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे को जमानत मिल गई है. आज (18 नवंबर, शुक्रवार) बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे की जमानत मंजूर की. मुंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी. एनआईए ने उन्हें 14 अप्रैल 2020 को अरेस्ट किया था. तेलतुंबडे 1 जनवरी 2018 को हुई एल्गार परिषद के आयोजकों में से एक थे. हाईकोर्ट ने भले ही जमानत मंजूर कर ली हो लेकिन आदेश एक हफ्ते बाद लागू किया जाएगा. एक हफ्ते तक इस आदेश को स्टे दिया गया है.
एल्गार परिषद केस में बेल पाने वाले तेलतुंबडे तीसरे आरोपी
भीमा कोरेगांव और एल्गार परिषद मामले में आनंद तेलतुंबडे ऐसे तीसरे आरोपी हैं जिन्हें इस केस में जमानत मिली है. इनसे पहले कवि वरवरा राव को मेडिकल आधार पर बेल मिल चुकी है और वकील सुधा भारद्वाज को भी जमानत मिल चुकी है.
एनआईए ने फैसले का विरोध किया है और अपना विरोध दर्ज करवाते हुए एनआईए ने कोर्ट से अपील की फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए एजेंसी को वक्त दिया जाए और तेलतुंबडे को तुरंत रिहा नहीं किया जाए. इसके बाद उच्च न्यायालय ने अपने आदेश को अमल में लाने को एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और न्या. एम एन जाधव ने दिया.
फैसले का विरोध, NIA जाएगी सुप्रीम कोर्ट
इस दौरान एनआईए इस आदेश के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में अपील करेगी. इसलिए तेलतुंबडे फिलहाल जेल में ही रहेंगे. मुंबई उच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और मिलिंद जाधव की खंडपीठ के सामने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पिछले हफ्ते फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज यह फैसला कोर्ट ने दिया है.