भारतीय उपमहाद्वीप के पहले महान विचारक, जिनके जन्म ने इस देश की भूमि को पावन बनाया, एक क्रांतिकारी विचारक जिन्होंने ईश्वर-पुनर्जन्म-स्वर्ग-नरक-आत्मा-संस्कार आदि को नकारा। अपने विचारों को चंगा करें, एकमात्र धम्म संस्थापक जिन्होंने अपने धम्म में एक इंसान का दूसरे इंसान से संबंध, मानवीय दुखों, दुखों के कारणों और दुखों को दूर करने के तरीकों पर चर्चा की, धार्मिक और अतिशयोक्तिपूर्ण विचारों पर भरोसा किए बिना, स्वामी विवेकानंद को कहा जाता है कि यदि बुद्ध का एक अंश भी मुझमें रह जाता तो मैं स्वयं को धन्य समझता, जबकि महान विचारक ओशो कहते हैं कि यह सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि विश्व और भारत बुद्ध जैसे महापुरुष का पुनर्जन्म नहीं ले सके। सभी भारतीय…..💐💐💐💐💐