Mon. Dec 23rd, 2024

रायसेन: विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सांची में 25 और 26 नवंबर को वार्षिक मेले का आयोजन किया जाएगा। इस बौद्ध महोत्सव में श्रीलंका, वियतनाम,थाईलैंड व जापान सहित अन्य देशों के बौद्ध धर्म को मानने वाले अनुयायियों का प्रतिनिधिमंडल शामिल होने के लिए आ रहा है। तीन साल बाद महाबोधी सोसायटी श्रीलंका के चीफ वानगल उपतिस नायक थेरो भी सांची महोत्सव में शामिल होने के लिए आने वाले हैं। सांची में इस मेले की तैयारिया प्रारंभ हो गई हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव के लिए लगी आचार संहिता के कारण अभी प्रशासनिक स्तर पर बैठक नहीं हो पाई है, लेकिन 17 नवंबर को मतदान के बाद बैठक होने की बात कही जा रही है। इस बार संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जाने वाले तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे की नहींए अभी इस पर संशय बना हुआ है। सांची में नवंबर माह के आखिरी रविवार को होने वाले वार्षिक मेले का सभी को इंतजार रहता है। यहां पर देश-विदेश के पर्यटक बड़ी संख्या में भगवान गौतम बुद्ध के दो प्रधान शिष्यों अरहत सारिपुत्र और अरहत महामोद्गलायन के अस्थि कलशों के दर्शनों के लिए उमड़ते हैं। दो दिन के लिए यह अस्थि कलश दर्शनों के लिए बाहर निकाल कर रखे जाते हैं। यह अस्थि कलश साल में सिर्फ एक बार बौद्ध महोत्सव मेले में ही लॉकर से बाहर निकाला जाता है। महाबोधि सोसायटी के तपस्वी स्वामी ने बताया कि बौद्ध मेले की तैयारियां चल रही हैं।

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