बौद्ध संघ समुद्र के समान है, इस संघ में सभी समान और समान हैं
..जब आप समुद्र में जाते हैं तो यह भेद करना असंभव है कि यह गंगा का पानी है या महानदी का पानी।
इसी तरह..
.. बौद्ध संघ में आते हैं यानी हमारी जाति जाती है और सभी समान होते हैं।
..एक ही महान व्यक्ति है जो यह बात समभाव से कह सकता है और वह महान व्यक्ति है *तथागत गौतम बुद्ध* हाँ…
.. बोधिसत्व डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर..