प्रिय धम्म भाइयों और बहनों,
आदरणीय गुरुजी श्री सत्यनारायण गोयनका जी (1924-2024)
आपकी जन्मशताब्दी पर आप सभी को मित्रता की शुभकामनाएँ। गुरुजी ने बड़ी करुणा और मैत्री के साथ हम सभी को विपश्यना सिखाई।
धर्म का शुद्ध स्वरूप दिया। हमें अपना दो घाटे से मुक्त होना रास्ता दिखाया और इस काम में आत्मनिर्भर बनाया। वह अपने स्वयं को धर्म में स्थापित करने के लिए जीवन के 58 वर्ष और बांटते थे. 1969 में भारत आने के बाद से वह विपश्यना को दुनिया भर के कई साधकों के लिए सुलभ बनाया। vipassana उन्होंने हमारे मन को शुद्ध करने और कई धर्मों के प्रति हमारी प्यास बुझाने में हमारी मदद की।
पूज्य गुरुजी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का यह एक अच्छा तरीका है।
यह एक बेहतरीन और योग्य अवसर है.
हम आपके अनुकूल किसी भी समय हमसे जुड़ने के लिए आपका स्वागत करते हैं।
चलो यह करते हैं। आप इस कार्यक्रम में कई तरीकों से शामिल हो सकते हैं,
जैसे कि:
1. आप विश्व विपश्यना पगोडा (रजि.) में ध्यान कर सकते हैं | पंजीकरण के लिए लिंक : https://centenary.globalpagoda.org )
2. आप नजदीकी विपश्यना केंद्र (मध्य) में साधना कर सकते हैं। लेकिन यदि सुविधाजनक हो) (हर जगह सीधा प्रसारण।)
3. वे स्थान जो आमतौर पर समूह ध्यान के लिए उपयोग किए जाते हैं | हम जहां भी जाएं, अपनी सुविधानुसार साधना कर सकते हैं।
4. स्थानीय धम्म-बंदी धुएँ के साथ समूह ध्यान आप किसी कार्यक्रम का आयोजन कर भी इसमें शामिल हो सकते हैं.
5. आप अपने घर या कार्यालय में आराम से साधना कर सकते हैं।
विपश्यना कार्यक्रम का सीधा प्रसारण ध्यान यूट्यूब यह ‘बी’ चैनल पर किया जाएगा.
लिंक:- https://youtube.com/live/KSKfzUOvWjQ?feature=share
रविवार, 4 फ़रवरी 2024