देश-विदेश से आने वाले सैलानी और स्थानीय लोग अब एचआरटीसी बसों में हिमाचल के बौद्ध मठों की मार्च से यात्रा कर पाएंगे। प्रदेश सरकार ने प्रथम दर्शन सेवा के तहत काजा के ताबो और धनकार मठ, बैजनाथ के शेराबलिंग, लाहौल स्पीति के कुंगरी गोम्पा और की गोम्पा के लिए एचआरटीसी धार्मिक सर्किट बसें चलाने की योजना बनाई है। दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला, बैजनाथ और काजा से बौद्ध मठों के लिए बस सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी। शांति और सुकून के लिए हर साल बाहरी राज्यों और विदेशों से हजारों सैलानी हिमाचल के बौद्ध मठों के दर्शन को आते हैं।
कांगड़ा जिले के तहत बैजनाथ के भट्टू स्थित शेराबलिंग बौद्ध मठ के लिए बैजनाथ से सुबह 9:00, 1:05 और शाम 4:00 बजे, लाहौल-स्पीति के कुंगरी गोम्पा के लिए काजा से शाम 4:30 बजे और मुद से सुबह 6:30 बजे, ताबो धनकार काजा मठ के लिए शिमला से 6:15, हमीरपुर से रात 8:00, रामपुर से सुबह 4:40, रिकांगपिओ से सुबह 5:10, काजा लालुंग से 3:15 बजे और समदो से सुबह 7:00 बजे, की गोम्पा के लिए काजा से शाम 6:10 बजे बस सेवा उपलब्ध होगी। इसके अलावा बाहरी राज्यों और विदेशों से आने वाले लोगों के लिए चंडीगढ़ और दिल्ली से भी बस सेवा उपलब्ध होगी।
इन रूटों पर चल रही धर्मिक सर्किट बस सेवा : धार्मिक सर्किट बस सेवा के तहत एचआरटीसी धर्मशाला-चिंतपूर्णी-ज्वालाजी, ज्वालाजी-वृंदावन धाम, चिंतपूर्णी-खाटू श्याम, शिमला-मां भंगायणी मंदिर हरिपुरधार के लिए बस सेवा चलाई जा रही है। अयोध्या के लिए हिमाचल से छह रूट चलाना भी प्रस्तावित है।
हिमाचल के बौद्ध मठों को धार्मिक सर्किट बस सेवा से जोड़ने का फैसला लिया गया है। पहले चरण में कांगड़ा बैजनाथ के शेरेबलिंग, लाहौल-स्पीति के कुंगरी गोम्पा, की गोम्पा और काजा के ताबो और धनकार मठ के लिए बस सेवा दी जाएगी। एचआरटीसी की 175 धार्मिक सर्किट बस सेवाएं संचालित करने की योजना है। – मुकेश अग्निहोत्री, उप मुख्यमंत्री, हिमाचल सरकार