नागपुर – धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस के अवसर पर दीक्षा भूमि पर आयोजित धम्मदीक्षा समारोह में आज जापान से आए श्रद्धालुओं ने श्रामणेर की दीक्षा ली। इस समय वे कषाय वस्त्र अर्थात् चीवर धारण किये हुए थे। डॉ। बाबा साहेब अंबेडकर स्मारक समिति के अध्यक्ष भदंत आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई ने जापान के अनुयायियों सहित हजारों भाइयों को धम्मदीक्षा दी। इस मौके पर 22 प्रतिज्ञाएं की गयीं.
दीक्षाभूमि के प्रांगण में जापान के उपासक एवं उपासक सिर से बाल उतारकर उपस्थित हुए। श्रामणेर को दीक्षा देने के लिए सभी साधक पंक्तिबद्ध होकर उपस्थित थे। उनके पीछे जापान का प्रतिनिधि बैठा था. बड़ों का आशीर्वाद लेने के बाद उपासकों ने भदंत ससाई का आशीर्वाद लिया। शरीर पर काषाय वस्त्र धारण कर उन्होंने ससाई से त्रिशरण सहित दशील को प्राप्त किया। इसके साथ ही उन्होंने जीवनभर तथागत गौतम बुद्ध के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
नागा बिकुनी, नागा पुरु, नागा दावाई, नागा किर्रा, नागा सेवक, नागा चंद्रा, नागा सदाक, नागा सैमुएल, नागा बादल, नागा पवित्रा, नागा बालीश, नागा उत्कुलश, नागा इसामु, नागा चामकदल शामिल हैं। मंच पर भदंत ससाई सहित भदंत धम्मसारथी, नागवंश, प्रज्ञा बोधि, भीम बोधि, नागसेन, महानमा, राहुल, धम्मविजय, कश्यप, भदंत धम्मप्रकाश, संघप्रिया, विशाखा गौतमी, पुंडलिक उपस्थित थे। धम्म दीक्षा के दूसरे दिन 15 हजार से अधिक अनुयायियों ने धम्म दीक्षा ली. सभी को प्रमाण पत्र वितरित किये गये। इस मौके पर जापान, थाईलैंड, मलेशिया और विदेशों से बौद्ध भिक्षु मौजूद थे.