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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से कोई 15 किलोमीटर दूर सोंड्रा नामक गाँव है।
सोंड्रा गाँव में दिलेन्द्र बंछोर का घर है।
दिलेन्द्र बछोर के घर में गृह – निर्माण हेतु उत्खनन चल रहा है।
तभी जमीन के तीन फीट नीचे से बुद्ध की मूर्ति मिली।
बुद्ध की भौंहों के बीच ऊर्णा है। पुरातत्वविदों ने इसे पांडुवंश कालीन तथागत बुद्ध की मूर्ति बताया है।
दरअसल बुद्ध की मूर्तियाँ के नाक – नक्शे देश और काल के हिसाब बदलते रहे हैं।
जो चेहरा चाइनीज बुद्ध का है, वो कोरियाई बुद्ध का नहीं है और जो चेहरा कोरियाई बुद्ध का है, वो थाई बुद्ध का नहीं है।
बुद्ध के नाक – नक्शे पर स्थानीयता की गहरी छाप है।
चित्र -1 में उत्खनन से प्राप्त बुद्ध की मूर्ति है और चित्र – 2 में वो स्थान है, जहाँ से मूर्ति मिली है।
( साभार: मुहम्मद जाकिर हुसैन, भिलाई नगर )