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डॉ विलास खरात ने किया देश के बहुजन लोगों से आवाहन*

बोधगया, 24 फरवरी 2025 : डॉ विलास खरात ने कहा कि कभी भी सरकार के द्वारा हमें आंदोलन स्थल से हटाने का प्रयास किया जा सकता है। उन्होंने देश भर के लोगों से आवाहन किया की बड़ी संख्या में आंदोलन स्थल पहुंचे और अपने जिले में अधिक से अधिक संख्या में ज्ञापन दें, जिला मुख्यालयों पर आंदोलन करें और सरकार पर महाबोधि महाविहार को ब्राह्मण महंत के कब्जे से मुक्त करने का दबाव बनाएं। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा आंदोलन को जबरदस्ती खत्म करने की योजना बनाई जा रही है लेकिन किसी भी कीमत पर यह आंदोलन खत्म नहीं होगा जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं और जब तक महाबोधि महाविहार को विदेशी ब्राह्मण के कब्जे से मुक्त नहीं किया जाता है

बोधगया स्थित भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली महाबोधि महाविहार को ब्राह्मण महंत के कब्जे से मुक्त करने के लिए चल रहे बौद्ध भिक्षुओं के आमरण अनशन आंदोलन का 13 वां दिन है, लेकिन बिहार सरकार और केंद्र सरकार मूकदर्शक बनकर बैठी हुई है। ऐसा लगता है सरकार ने आमरण अनशन पर बैठे लोगों को मारने की योजना बना ली है। आंदोलन के संयोजक डॉ विलास खरात, उनके सहयोगी आकाश लामा एवं भिक्षुओं की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है।

दुनिया भर से बौद्ध देशों के लोग आंदोलन को समर्थन करने पहुंच रहे हैं और बौद्ध मंदिर को बौद्ध भिक्षुओं को सौंपने की मांग पूरी न होने के कारण भारत की छवि विश्व स्तर पर खराब हो रही है। अभी तक सरकार ने महाबोधि महाविहार बुद्ध विहार को ब्राह्मण महंत के कब्जे से मुक्त कर बौद्ध भिक्षुओं को सौंपने की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया है। बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी के द्वारा लगातार आंदोलनकारियों के खिलाफ षडयंत्र किए जा रहे हैं। डॉ विलास खरात ने बताया कि 4 दिन पहले आंदोलन को दबाने के लिए कमिटी के ब्राह्मण महंत के लोगों के द्वारा आंदोलन स्थल के सामने जानबूझकर फायर ब्रिगेड की गाड़ी खड़ी कर दी गई थी ताकि देश, दुनिया के लोगों को पता न चले।

महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन का नेतृत्व कर रहे डॉ विलास खरात ने हमें बताया कि केंद्र और राज्य सरकार महाबोधि महाबिहार कब्जा जमाए बैठे ब्राह्मण महंत के इशारे पर काम कर रही है इसलिए उसे लाखों लोगों का यह आंदोलन दिखाई नहीं दे रहा है। डॉ खरात ने बताया कि आमरण अनशन आंदोलन को समर्थन देने हजारों लोग आंदोलन स्थल पहुंच रहे हैं और विभिन्न माध्यमों से आंदोलन को देश के करोड़ों लोगों का समर्थन मिल रहा है। डॉ खरात ने आरएसएस पर भी गंभीर आरोप लगाए और कहा कि मोहन भागवत ने इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में फर्जी बौद्ध भिक्षुओं को शामिल कर भारतीय बौद्ध संघ के नाम से संगठन बनाया है। डॉ खरात ने कहा कि आरएसएस आंदोलन को खत्म करने का षड्यंत्र रच रही है।

भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ कुलदीप भार्गव ने किया समर्थन…

भीम आर्मी को उत्तर प्रदेश अध्यक्ष डॉ कुलदीप भार्गव ने आंदोलन का समर्थन किया और कहा कि भीम आर्मी पूरी तरह से आंदोलन में आंदोलनकारी लोगों के साथ है और जल्दी ही भीम आर्मी की पूरी टीम आंदोलन को समर्थन करने पहुंचेगी। डॉ कुलदीप भार्गव ने कहा कि यह विडंबना ही है कि बौद्ध स्थल पर ब्राह्मण नियंत्रण कर रहे हैं और बौद्ध भिक्षु अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थल को सम्राट अशोक महान के द्वारा 100 लाख स्वर्ण मुद्राएं खर्च कर बनवाया गया था और यह बहुजन समाज की आस्था का केंद्र है। डॉ कुलदीप भार्गव ने कहा कि ओबीसी एससी एसटी के इतिहास के साथ ब्राह्मण हमेशा से छेड़छाड़ करते रहे हैं लेकिन अब यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डॉ कुलदीप भार्गव ने आगे कहा कि अब हमारा समाज सीधे ब्राह्मण महंत को बुद्ध विहार से बाहर करने के लिए आंदोलन करने उतरेगा।

*देश के सभी जिलों में हो रहे हैं प्रदर्शन*

देश के विभिन्न जिलों में लोग महाबोधि महाबिहार की मुक्ति के लिए चल रहे आमरण अनशन का समर्थन कर रहे हैं और अपने जिलों में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दे रहे हैं। कल नागपुर में और उससे पहले भोपाल में बड़ा आंदोलन देखने को मिला, हजारों की संख्या में लोगों ने इकट्ठा होकर आंदोलन को समर्थन किया और महाबोधि महाविहार को बौद्ध भिक्षुओं को सौंपने की सरकार से मांग की। इसके अलावा देश के सैकड़ों जिलों में ज्ञापन दिए गए और आंदोलन को और मजबूत करने की बात कही गई।

*श्रीलंका से आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे सैकड़ो श्रद्धालु*

महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन विश्वव्यापी होता जा रहा है और इसको लेकर भारत सरकार की विश्व स्तर पर आलोचना हो रही है इसी क्रम में महाबोधि महाबिहार मुक्ति आंदोलन में शामिल होने बड़ी संख्या में श्रीलंका से भगवान बुद्ध के अनुयाई बोधगया पहुंचे और आंदोलन को समर्थन दिया। श्रीलंका से आए बौद्ध अनुयायियों ने कहा कि बुद्ध की विरासत बौद्धों के ही हाथ में होनी चाहिए उसमें किसी गैर बौद्ध का क्या काम है।

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