टोपरा कलां में 2400 साल से भी अधिक समय की अमूल्य ऐतिहासिक विरासत यहां की भूमि में समाई है, जो सर्वे के बाद धरातल पर आएगी। ऐसे में इस अमूल्य धरोहर को धरातल पर लाने की दिशा में कदम बढ़ने शुरू हो गए हैं।उल्लेखनीय है नवंबर में टोपरा कलां गांव में हड़प्पा काल के बर्तन और ठीकरें मिले हैं।
इन्हें करीब 3700 साल पुराना बताया जा रहा हैं। इसके बाद पुरातत्व विभाग ने यहां का दौरा किया था। टोपरा कलां गांव में ही देश का सबसे ऊंचा 30 फीट का अशोक चक्र स्थापित है, जो नाम लिम्का बुक ऑफ में रिकॉर्ड है। इसी अशोक चक्र के नाम से अशोका पार्क भी बना है।
यमुनानगर। टोपरा कलां गांव की बौद्ध विरासत को धरातल पर लाने के लिए खोज की दिशा में कदम बढ़ने शुरू हो गए हैं। इसी कड़ी बुधवार को पुरातत्व विभाग की डिप्टी डायरेक्टर बिनानी भट्टाचार्य व बुद्धिस्ट फोरम के जनरल सेक्रेटरी सिद्धार्थ गौरी की डीसी कैप्टन मनोज कुमार के साथ बैठक हुई।
बैठक में टोपरा कलां गांव की बौद्ध विरासत की खोज के लिए लगाए जाने वाले गड्ढे व अशोक पार्क की मरम्मत संबंधी मुद्दों पर सहमति बनी है। खोज से पूर्व गांव का जीपीएस सर्वे किया जाएगा। ऐसे में मार्च तक इस साइट पर कार्य शुरू होगा। वहीं अशोका पार्क के सुधार के लिए प्रशासन ने भी आश्वासन दिया है।
डीसी के साथ बैठक हुई है। उन्हें पूरी साइट के बारे में अवगत कराया गया है। इससे वे काफी प्रभावित हैं। टोपरा कलां गांव की साइट बहुत महत्वपूर्ण है। सबसे पहले जीपीएस से सर्वे किया जाएगा, उसके बाद मार्च में कार्य शुरू होने की संभावना है। – डॉ. बिनानी भट्टाचार्य, डिप्टी डायरेक्टर, पुरातत्व विभाग।
बैठक में टोपरा कलां में बौद्ध विरासत की खोज संबंधी चर्चा हुई है। प्रशासन की तरफ से सहयोग का पूरा आश्वासन मिला है। अशोका पार्क का भी सुधार किया जाएगा। यहां खोज के लिए बड़ी योजना है। – सिद्धार्थ गौरी जनरल सेक्रेटरी, बुद्धिस्ट फोरम।