वड़नगर, महेसाणा जिला के बौद्ध मठ
अहमदाबाद से करीब १३० किलोमीटर की दुरी पे बनास और रुपेन नदी के बीच मौजूद एक बौद्ध पुरातात्विक स्थल, यहाँ 12-सेल नुमा संरचना है जो पहले बौद्ध विहार या बौद्ध मठ रहे होंगे , जहाँ बौद्ध भिक्षु दूसरी सदी से चौथी सदी तक निवास करते थे।
चीनी यात्री ह्वेन-सांग जब वडनगर (तब आनंदपुर के रूप में जाना जाता था) के आसपास के इलाकों में आए थे और उन्होंने लिखा है कि इस इलाके में उन दिनों लगभग १३०० बौद्ध भिक्षु विहार करते थे और उनके आराम करने के लिए यहा १० संग्रामस (बौद्ध भिक्षुओं के लिए आराम स्थानों को कहते है) भी थे।
पुरातत्वविदोंने बुद्ध मूर्ति सहित करीब २००० कलाकृतियां यहाँ से खोजी है जिस में तांबे और चांदी के सिक्के, मोतियों का हार ,चूड़ियाँ, एक पगड़ी पहने एक मिट्टी सिर, एक पीस ने वाला पत्थर आदि सामान शामिल है जिसे महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, वडोदरा के पुरातत्व संग्रहालय में रखा गया है।
गुजरात सदियों पहले पूरा बुद्धमय था जिसके यह सब सबूत है।