
UPSC में बार-बार पूछे जाने वाले लेकिन इंटरनेट पर कम मिलने वाले 25 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर (हिंदी में)
1. ‘बंधुता’ का अर्थ और कानूनी प्रभाव बंधुता (Fraternity) संविधान की प्रस्तावना का एक महत्त्वपूर्ण तत्व है। इसका अर्थ है सभी भारतीयों में भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना। कानूनी दृष्टि से इसका प्रभाव यह है कि जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। यह अनुच्छेद 14 और 17 जैसे प्रावधानों को बल देता है।
2. अनुच्छेद 21 का विस्तार अनुच्छेद 21: “कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जाएगा।” समय के साथ यह अनुच्छेद विस्तृत होता गया:
- पर्यावरण का अधिकार (MC Mehta केस)
- शिक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 21A)
- गरिमा से जीने का अधिकार
3. DPSP और मौलिक अधिकारों का टकराव केस: Minerva Mills v. Union of India (1980) निर्णय: मौलिक अधिकार संविधान की मूल संरचना का भाग हैं और इनका हनन नहीं हो सकता। नीति निदेशक तत्व महत्त्वपूर्ण हैं परंतु अधिकारों को समाप्त नहीं कर सकते। संतुलन आवश्यक है।
4. संविधानिक नैतिकता का अर्थ (Dr. Ambedkar) संविधानिक नैतिकता का अर्थ है – संविधान के मूल मूल्यों जैसे समानता, स्वतंत्रता, बंधुता का सम्मान करना, भले ही समाज में परंपराएं भिन्न हों। यह न्यायपालिका, विधायिका और नागरिकों पर लागू होता है।
5. 73वां और 74वां संशोधन का प्रभाव यह संशोधन स्थानीय स्वराज्य संस्था को संवैधानिक दर्जा देता है। पंचायतों और नगरपालिकाओं को:
- चुनाव की अनिवार्यता
- आरक्षण (SC/ST/Women)
- वित्तीय स्वतंत्रता दी गई। हालांकि, राज्यों की अनिच्छा और वित्तीय निर्भरता इनकी प्रभावशीलता सीमित करती है।
6. क्रांतिकारी आंदोलन और समाज सुधार आंदोलन में अंतर क्रांतिकारी आंदोलन ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ हिंसात्मक विरोध था, जैसे भगत सिंह। समाज सुधार आंदोलन (जैसे राजा राममोहन राय) का उद्देश्य सामाजिक कुरीतियों को खत्म करना था। दोनों में विधि व दृष्टिकोण का अंतर था।
7. बौद्ध धर्म का स्वतंत्रता संग्राम पर अप्रत्यक्ष प्रभाव बुद्ध के विचार – अहिंसा, समता, और सामाजिक न्याय – गांधीजी व आंबेडकर जैसे नेताओं पर प्रभावी रहे। डॉ. आंबेडकर के नेतृत्व में सामाजिक आंदोलन ने राजनीतिक रूप लिया।
8. सुभाष बोस vs गांधीजी की विचारधारा गांधीजी – अहिंसावादी संघर्ष के समर्थक बोस – सशस्त्र संघर्ष व विदेशी सहयोग (INA) दोनों का लक्ष्य स्वतंत्रता था परंतु मार्ग अलग।
9. 1857 की क्रांति को ‘प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा विनायक दामोदर सावरकर ने इसे सबसे पहले ‘प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’ कहा, जबकि ब्रिटिश इसे “Sepoy Mutiny” मानते थे।
10. दलित चेतना व स्वतंत्रता संग्राम दलित नेता जैसे जोगेंद्रनाथ मंडल, आंबेडकर आदि ने स्वतंत्रता संग्राम को सामाजिक न्याय की मांग से जोड़ा। स्वतंत्रता आंदोलन में दलितों की भागीदारी बराबरी व हक्कांसाठी लढा होता।
11. मानसून की अस्थिरता का कृषि पर प्रभाव
- बुवाई पर प्रभाव
- उत्पादन में असमानता
- किसान आत्महत्या
- सिंचाई पर निर्भरता बढ़ी
12. वर्षा छाया प्रदेश का कृषि पर प्रभाव उदाहरण: महाराष्ट्रातील विदर्भ आणि मराठवाडा
- अल्पवर्षा क्षेत्र, कोरडवाहू शेती
- ज्वारी, बाजरी व कापूस यांवर निर्भरता
13. हिमालयन सुनामी (2013, उत्तराखंड)
- जलवायु परिवर्तन + अनियंत्रित विकास
- पर्यावरणीय चेतावनी
- धार्मिक पर्यटन व बांध निर्माणाचे दुष्परिणाम
14. चक्रवात: पूर्व व पश्चिम तट में अंतर
- पूर्व तट (बंगाल की खाड़ी): अधिक सक्रिय, गर्म पानी
- पश्चिम तट (अरब सागर): तुलनात्मक शांत
15. River Linking Project के प्रभाव
- लाभ: जलसंचय, सिंचाई
- हानि: पर्यावरणीय संतुलन, विस्थापन, जैवविविधता पर खतरा
16. मुद्रास्फीति और बेरोजगारी – Philips Curve
- पारंपरिक रूप: महंगाई बढ़े तो बेरोजगारी घटती है
- भारतीय संदर्भ: Stagflation – दोनों साथ बढ़ते हैं
17. MSME की समस्याएँ
- क्रेडिट की कमी
- टेक्नोलॉजी में पिछड़ापन
- जीएसटी जटिलता
18. NBFC संकट (2018-19)
- IL&FS की चूक
- तरलता संकट
- बैंकों पर असर
19. Inclusive vs Sustainable Growth
- Inclusive: सभी को साथ लेकर चलना (गरीब, महिला, पिछड़े)
- Sustainable: पर्यावरण, संसाधन संरक्षण
20. सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की स्थिति
- आवश्यक्ता अधिक, लेकिन:
- क्रियान्वयन में कमी
- आधारभूत सुविधा अभाव
21. संविधान और बुद्ध धम्म – समता मूल्य
- बुद्ध: सब प्राणी समान
- संविधान: अनुच्छेद 14 दोनों समानतेचे समर्थन करतात
22. UCC vs धार्मिक स्वतंत्रता
- संविधान: समान नागरिक संहिता (अनुच्छेद 44)
- लेकिन अनुच्छेद 25-28 धर्म स्वतंत्रता देते हैं
- संतुलन आवश्यक
23. नैतिकता का पतन – बौद्ध विचारों की भूमिका
- पंचशील = नैतिक जीवन
- भ्रष्टाचार, जातीय द्वेष रोखण्यासाठी लागू करता येईल
24. करुणा का प्रशासन में उपयोग
- लोकसेवक मानवतावादी निर्णय घेऊ शकतो
- सेवा व दया यांचा समावेश
25. पंचशील और लोकतांत्रिक मूल्य
- सत्य, अहिंसा, चोरी न करना = नैतिक प्रशासनाचे तत्त्व
- संयम व समता = संविधानाचे मूल तत्व