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 22 प्रतिज्ञा का हिंदी अर्थ Hindi meaning of 22 vows

  1. मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश में कोई विश्वास नहीं करुँगा और न ही मैं उनकी पूजा करुँगा.
  2. मैं राम और कृष्ण, जो भगवान के अवतार माने जाते हैं, में कोई आस्था नहीं रखूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करुँगा.
  3. मैं गौरी, गणपति और हिंदुओं के अन्य देवी-देवताओं में आस्था नहीं रखूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करुँगा.
  4. मैं भगवान के अवतार में विश्वास नहीं करुँगा.
  5. मैं यह नहीं मानता और न कभी मानूँगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे. मैं इसे पागलपन और झूठा प्रचार-प्रसार मानता हूँ.
  6. मैं श्राद्ध में भाग नहीं लूँगा और न ही पिंड-दान दूँगा.
  7. मैं बुद्ध के सिद्धांतों और उपदेशों का उल्लंघन करने वाले तरीके से कार्य नहीं करुँगा.
  8. मैं ब्राह्मणों द्वारा कोई भी कार्यक्रम नहीं कराऊँगा.
  9. मैं मनुष्य की समानता में विश्वास करता हूँ.
  10. मैं समानता स्थापित करने का प्रयास करुँगा.
  11. मैं बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग का अनुशरण करूँगा.
  12. मैं बुद्ध द्वारा निर्धारित दस पारमिताओं का पालन करुँगा.
  13. मैं सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया रखूँगा तथा उनकी रक्षा करुँगा.
  14. मैं चोरी नहीं करुँगा.
  15. मैं झूठ नहीं बोलूँगा.
  16. मैं कामुक पापों को नहीं करुँगा.
  17. मैं शराब, ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों का सेवन नहीं करुँगा.
  18. मैं महान आष्टांगिक मार्ग के पालन का प्रयास करुँगा एवं सहानुभूति और प्यार भरी दयालुता का दैनिक जीवन में अभ्यास करुँगा.
  19. मैं हिंदू धर्म का त्याग करता हूँ जो मानवता के लिए हानिकारक है और उन्नति और मानवता के विकास में बाधक है. क्योंकि यह असमानता पर आधारित हैं, और स्व-धर्म के रूप में बुद्ध धम्म को अपनाता हूँ.
  20. मैं ढृढ़ता के साथ यह विश्वास करता हूँ कि बुद्ध धम्म ही सच्चा मार्ग है.
  21. मुझे विश्वास है कि मैं फिर से जन्म लें रहा हूँ (धर्म परिवर्तन के द्वारा).
  22. मैं गंभीरता एवं दृढ़ता के साथ घोषित करता हूँ कि मैं इसके (धर्म परिवर्तन के) बाद अपने जीवन का बुद्ध के सिद्धांतों व शिक्षाओं एवं उनके धम्म के अनुसार मार्गदर्शन करुँगा.

डॉ बाबासाहेब अंबेडकर  द्वारा रचित इन 22 प्रतिज्ञाओं को पढ़ने मात्र से कुछ बदलाव नही आएगा. आपको इन्हे अपने व्यवहार में लाना होगा और इनके अनुसार जीवन जीने की कोशिश करनी पड़ेगी. तभी इन प्रतिज्ञाओं का असल मकसद पूरा होगा.

सबको डॉ बाबासाहेब अंबेडकर की 22 प्रतिज्ञा क्या महत्व है 22 प्रतिज्ञा क्यों जाननी चाहिए ?

डॉ बाबासाहेब अंबेडकर  को सिर्फ दलित नेता बताकर उन्हे सीमित करने की नाकाम कोशिश की गई है. जिसके परिणामस्वरूप आम जनता को बता दिया गया है कि यह प्रतिज्ञाएं तो केवल बौद्धों के लिए है. अन्य धर्मों के अनुयायियों के लिए इनका कोई महत्व है.

मगर, सच्चाई इसके विपरीत है. दुनिया डॉ बाबासाहेब अंबेडकर को “सिम्बल ऑफ नॉलेज” के नाम से जानती है. और आज भी इनके जैसा विद्वान इस पृथ्वी पर पैदा नहीं हुआ है. इसलिए डॉ बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा दी गई 22 भीम-प्रतिज्ञाएं सभी इंसानों के लिए उपयोगी है. जो उन्हे एक सच्चा, नेक दिल और तार्किक इंसान बनने कि ओर अग्रसर करती है.

माननीय डॉ. विजय कुमार त्रिशरण ने अपनी पुस्तक “बौद्ध जीवन आचार-विचार” में इन 22 प्रतिज्ञाओं का अर्थ समझाया है. जिसे जानकर आपको 22 भीम-प्रतिज्ञाओं का महत्व समझ आ जाएगा.

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