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पटना। आधुनिक भारत में यह पहला मौका है जब महात्मा बुद्ध से जुड़ा पत्थर का स्तुप बिहार के वैशाली में बनाया जा रहा है। इसमें सीमेंट और लोहे का इस्तमाल नहीं किया जा रहा है । स्तूप के अंदर का व्यास 42 मीटर कचाई 44 मीटर होगी। सूप समेत पूरा परिसर 75 एकड़ में है। इस पर 314 करोड़ खर्च आने का अनुमान है। इसका निर्माण बिहार सरकार का भवन निर्माण विभागका रहा है। दिसंबर 2019 में निर्माण कार्य शुरू किया तथा इस वर्ष के अंत तक काम पूरा होने का निर्माण विभाग के सचिव कुमार राव को देखरेख में करता है।

राजस्थान से मंगाया गया है पत्थर स्तूप का निर्माण राजस्थान के भरतपुर जिले के से मंगाए गए पत्थरों से किया जा रहा है। निर्माण में लगे इंजिनेयरो का कहना है कि इसमें लगभग 44 हजार पत्थर लगाए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि वैशाली में उत्खनन के दौरान मिले बुद्ध स्तूप के अवशेष को पटना संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है। वैशाली में नया स्तूप का निर्माण होने के बाद उसे पटना से पैशाली भेज दिया जाएगा ताकि वहाँ आने पर्यटक उसे देख सके।

” क्या कहते हैं विशेषज्ञ  : 314 करोड़ खर्च ‘आने का है अनुमान भवन निर्माण विभाग के वास्तुविद और डिजाइनर सेक्शन में बतौर कार्यपालक रामबाबू का कहना है कि सामान्य तौर पर किसी भी इमारत की लाइफ 100 वर्ष होती है । आधुनिक भारत में यह पहला बौद्ध स्तूप है जो पूरी तरह स्ट्रक्चर पर तैयार किया जा रहा है | इसलिए बौद्ध स्तूप की लाइफ लगभग एक हजार वर्ष होगी।

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