1. “जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाते हो।”
आपके विचार आपकी वास्तविकता को प्रभावित करते हैं, इसलिए सकारात्मक सोचना महत्वपूर्ण है।
2. “स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ी संपत्ति है, और विश्वास सबसे अच्छा संबंध है।”
बुद्ध सिखाते हैं कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, संतोष और विश्वास जीवन में सबसे मूल्यवान चीजें हैं।
3. “क्रोध को थामे रखना ऐसे है जैसे गर्म कोयला पकड़ कर किसी और पर फेंकने की सोच रहे हो। इससे आप ही जलते हैं।”
क्रोध केवल व्यक्ति को ही नुकसान पहुंचाता है, इसे छोड़ना जरूरी है।
4. “हजारों लड़ाइयों को जीतने से अच्छा है कि आप खुद पर विजय प्राप्त करें।”
बाहरी संघर्षों से ज्यादा महत्वपूर्ण है, आत्म-नियंत्रण और आत्म-संयम।
5. “हर दिन की शुरुआत नए सिरे से करो, जैसे आज तुम्हारा पहला दिन हो।”
वर्तमान में जीने और बीते कल की चिंता छोड़ने की प्रेरणा मिलती है।
6. “दुख का कारण तृष्णा (इच्छा) है।”
इच्छाओं और आसक्तियों का त्याग ही दुख से मुक्ति का मार्ग है।
7. “अपने उद्धार के लिए स्वयं ही प्रयास करो, दूसरों पर निर्भर न रहो।”
बुद्ध आत्मनिर्भरता और आत्मज्ञान पर जोर देते थे।
8. “सभी जीवों के प्रति दया भाव रखें, क्योंकि हम सब दुखों से बंधे हैं।”
करुणा और प्रेम से सभी प्राणियों के प्रति सहानुभूति रखने की शिक्षा देते हैं।
9. “आपके पास जो कुछ है, उसमें संतुष्ट रहें और दूसरों की तुलना में खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करें।”
जीवन में संतोष और आत्म-विकास पर बल देना चाहिए।
10. “सत्य के मार्ग पर चलने से डरें नहीं, चाहे वह कठिन हो।”
सत्य का अनुसरण हमेशा सही होता है, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हों।
बुद्ध के ये विचार आज भी हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करते हैं और आत्म-विकास का मार्ग दिखाते हैं।
10 Inspirational Thoughts of Gautama Buddha